BELOW IS A VERY BEAUTIFUL AARTI IN SANSKRIT, WHICH IS SUNG IN PRAISE OF THE DIVINE GODDESS.. SADLY IT IS VERY RARE THAT WE FIND ANYONE SINGING IT THESE DAYS..
।। श्री देवी आरती।।
प्रवरातीरनिवासिनी निगमप्रतिपाद्ये
पारावारविहारिणी नारायणी हृद्ये ...... जय देवी।
प्रपञ्चासारे जगदाधारे श्रीविद्ये
प्रपन्नपालननिरते मुनिवृन्दाराध्ये ...... जय देवी।
जय देवी जय देवी जय मोहनरूपे
मामिह जननि समुद्धर पतितं भवकूपे ...... जय देवी।
दिव्यसुधाकरवदने कुंदोज्ज्वलरदने
पदनखनिर्जितमदने मधुकैटभकदने ...... जय देवी।
विकसितपंकजनयने पन्नगपतिशयने
खगपतिवहने गहने संकटवनदहने ...... जय देवी।
मंजिरांकितचरणे मणिमुक्ताभरणे
कंचुकिवस्त्रावरणे वक्त्राम्बुजधरणे ...... जय देवी।
शक्रामयभयहरणे भूसुरसुखकरणे
करुणाम कुरु मे शरणे गजनाक्रोद्धरणे ...... जय देवी।
छित्वा राहुग्रीवां पासि त्वं विबुधान
ददासि मृत्युमनिष्टं पीयूषं विबुधान ...... जय देवी।
विहरसी दानवऋद्धान समरे संसिद्धान
मध्वमुनीश्वरवरदे पालय संसिद्धान ...... जय देवी।
इति देव्या आरात्रिकं समाप्तम।
|| SHRI SHIVAAY GURUVE NAMAHA ||
No comments:
Post a Comment